क्या आप जानते हैं कि आपकी डाइट में फाइबर की कमी से सिर्फ कब्ज ही नहीं, बल्कि दिल की बीमारियों और डायबिटीज का खतरा भी बढ़ सकता है।
जी हां! फाइबर न सिर्फ पाचन को दुरुस्त रखता है, बल्कि कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर लेवल को भी कंट्रोल में रखता है।
अच्छी खबर ये है कि आप कुछ आसान खानपान के बदलाव से इसकी कमी को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
फाइबर आखिर है क्या और क्यों जरूरी है?
नोएडा के डाइट मंत्रा क्लीनिक की सीनियर डाइटिशियन कामिनी सिन्हा बताती हैं कि फाइबर हमारे शरीर में डायजेस्ट नहीं होता, लेकिन ये पाचन तंत्र की सफाई और सही तरीके से काम करने में बड़ी भूमिका निभाता है।
फाइबर दो तरह का होता है:
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घुलनशील फाइबर (Soluble Fiber): पानी में घुलकर जेल जैसा बन जाता है और कोलेस्ट्रॉल व ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है।
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अघुलनशील फाइबर (Insoluble Fiber): पाचन तंत्र को साफ रखता है और कब्ज से बचाता है।
फाइबर की कमी के नुकसान
अगर आपकी डाइट में फाइबर कम है, तो कब्ज, गैस, अपच, वजन बढ़ना और डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लंबे समय तक कमी रहने पर हार्ट डिजीज, कोलन कैंसर और हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा भी बढ़ सकता है।
जंक फूड और प्रोसेस्ड फूड में फाइबर बेहद कम होता है। यही वजह है कि एक्सपर्ट बार-बार फल, सब्जियां और होल ग्रेन खाने की सलाह देते हैं।
रोज कितनी होनी चाहिए फाइबर की मात्रा?
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एक वयस्क को 25 से 35 ग्राम फाइबर रोज लेना चाहिए।
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भारत में औसतन लोग सिर्फ 10-15 ग्राम ही फाइबर लेते हैं, जो काफी कम है।
फाइबर बढ़ाने के आसान तरीके
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ब्रेकफास्ट में ओट्स, फल या स्प्राउट्स लें।
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लंच और डिनर में सलाद जरूर शामिल करें।
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सफेद चावल की जगह ब्राउन राइस या मिलेट्स खाएं।
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स्नैक्स में भुना चना, फल या ड्राई फ्रूट्स लें।
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पर्याप्त पानी पिएं, क्योंकि फाइबर के साथ पानी मिलकर पाचन को और बेहतर बनाता है।
इन फूड्स में फाइबर भरपूर होता है
ओट्स, ब्राउन राइस, जौ, सेब, अमरूद, संतरा, गाजर, पालक, भिंडी, बीन्स, राजमा, चना, मूंग, अलसी के बीज और चिया सीड्स। कोशिश करें इन्हें उनकी नैचुरल फॉर्म में ही खाएं।
याद रखें: फाइबर सिर्फ पेट को ठीक रखने के लिए नहीं, बल्कि ओवरऑल हेल्थ के लिए भी जरूरी है। अगर आप हेल्दी और फिट रहना चाहते हैं, तो फाइबर को डाइट में जरूर जगह दें।
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